सूर्य का महत्व
कहते हैं लोग सूर्य में है क्रोध और अहंकार
नहीं जानते उसके जीवन में भी है अन्धकार
ब्रह्माण्ड को जला न दे इस लिए वो अकेला रहा
संसार में उजाला रहे इस लिए स्वयं जल रहा
सूर्यास्त का आनंद देने के लिए हर संध्या को
वह गले लगाता रहा प्रतिदिन अपनी मौत को
सूर्य के प्रकाश से है हमारे जीवन में सवेरा
अन्यथा होता इस पृथ्वी पर हर ओर अँधेरा
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